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Sanskrit Varnamala

हम हिन्दी की वर्णमाला से शुरुवात करते हैं। हिन्दी की वर्णमाला को पूरी तरह से जानना आवश्यक है। आजकल ज्यादातर विघालयों मे पुरी वर्णमाला नहीं सिखाई जाती, कुछ अक्षर छोड दिए जाते है, पर मैं इस ब्लाग पर पुरी वर्णमाला की जानकारी दूगाँ ।

हिन्दी वर्णमाला स्वर और व्यञ्जन से मिलकर बनी है।

स्वर

स्वर अपने आप मे पूरे होते हैं। उन्हें उच्चारण किसी और अक्षर की जरूरत नहीं होती। हिन्दीं वर्णमाला में 16 स्वर हैं।

 अ  लृ  ॡ  ए  ऐ  ओ  औ  अं  अः

व्यञ्जन

व्यञ्जन अपने आप में पूरे नहीं होते। उनके उच्चारण के लिए स्वर की आवश्यकता होती है। हिन्दीं वर्णमाला में 35 व्यञ्जन हैं।

जैसे

क = क् + अ (अ से मिलकर पूरा क बनता है)

कण्ठय Gutturals

 क्

 ख्

 ग्

 घ्

 ङ्

तालव्य Palatals

 च्

 छ्

 ज्

 झ्

 ञ्

मूर्धन्य Linguals

 ट्

 ठ्

 ड्

 ढ्

 ण्

दन्तय Dentals

 त्

 थ्

 द्

 ध्

 न्

ओष्ठय Labials

 प्

फ्

ब्

भ्

म्

अन्तःस्थ Semi Vowel

 य्

र्

ल्

व्

Sibilant

श्

ष्

स्

Aspirate

ह्

इसके इलावा 3 प्रकार के ॐ होते है।

संख्याएँ

 0
    २  ३  ४  ५  ६  ७  ८  ९ 

अनुस्वार  अं

अनुस्वार को म् की जगह प्रयोग मे लाया जाता है। जैसे अहं या अहम्।

विसर्ग अः

विसर्ग का उच्चारण कैसे करें – विसर्ग (अः) उससे पहले अक्षर की मात्रा की तरह बोला जाता है। रामः शब्द मे विसर्ग म के बाद आता है और म शब्द म् और अ की मात्रा से मिलकर बना है। इसलिए ह के बाद अ की मात्रा लगाएँ। तो रामः का उच्चारण रामह होगा। नीचे दिए गए उदाहरणो को देखे।

 शब्द  उच्चारण
 रामः  रामह
 रामाः  रामाहा
 हरिः  हरिहि
 गुरुः  गुरुहु

हलन्त्

जब भी हलन्त् किसी अक्षर के नीचे लगता है तो उस अक्षर के उच्चारण की सीमा आधी कर देनी चाहिए। जैसे कप्(Cup) कप(Cupa)।

मात्रा

अब हम स्वर संबंधी मात्राओं को देखेंगे। स्वरों की मात्रा व्यञ्जनों पर उपयोग की जाती है। (अगर रोज़-मर्रा की भाषा मे बोलें तो व्यञ्जनों क उच्चारण बदलने के लिए उपयोग में लाई जाती है।

 स्वर
 मात्रा ि
उदाहरण का कि की कु कू कृ के कै को कौ

संयुक्त वयञ्जन 

संयुक्त वयञ्जन दो या दो से अधिक वयञ्जन से मिलकर बनते हैं। नीचे दिए गए उदाहरणो को देखें।

क्ष = क् +
क्त = क् +
ग्र = + र्
श्र = श् +
ह्य = ह् +
ह्म = ह् +

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